उपलब्धिया

-: मुख्य उपलब्धिया:- 
1. श्रम विभाग के मजदूरी सूची में 1996 में बढ़ईगिरी को शामिल कराना |
2. विवाद विहीन समाज की स्थापना कराने तथा पहली पत्नी की सहमति के वगैर दूसरी शादी पर रोक लगाने हेतु गॉव-गॉव तक जागरूकता अभियान। समाज सफलता भी पायी है।
3. सरकारी अस्पताल की चरमाराई व्यवस्था काल में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन|
4. शिक्षा अभियान के तहत निर्धन बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री का निःशुल्क वितरण करना तथा आवासीय सुविधायुक्त विद्यालय की पढ़ाई में छूट देना। अब यह सुविधा सरकार की है।
5. प्राकृतिक आपदा एवं आकस्मिक घटनाओं पर लोगों को सामाजिक एवं आर्थिक मदद करना|
6. ट्राईसम योजना क॑ तहत बढ़ईगिरी का औजार वितरित करवाना|
7. ड्वाकरा अंतर्गत सदस्य के परिवार को महिला कूटिर उद्योग का सरकारी प्रशिक्षण और अनुदान दिलवा कर आर्थिक मदद करवाना|
8. योजनाओं की अनुश्रवण के लिये कमिश्नर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति में संगठन के जिला सचिव को सदस्य बनवाना। लोग कमिश्नर की बैठक में भाग लेने लगे।
9. आरा मील चयन व अनुश्रवण में संगठन के जिला सचिव को सदस्य बनवाना। लोग डी.एम. की बैठक में भाग लेने लगे। लोग बड़े पदाधिकारी के साथ बात करने लगे।
10. 2002 के दशक में आरामीलों की विभागीय छटनी पर रोक लगवाना।
11. सुप्रीम कोर्ट से आदेश लाकर आरामीलों की संख्या 1910 से 3200 करवाना ।
12. बढ़ई को अतिपिछड़ा में सामिल कराने का मुहिम 12.04.2004 से प्रारम्भ करना। पटना में धरना-प्रदर्शन, विधान सभा का घेराव जैसे आंदोलन के बदौलत बढ़ई को ई.बी.सी. (अनुसूचित 1) में सामिल कराना|
13. श्रम विभाग कल्याण बोर्ड की योजना से बढ़ई मजदूर को जोड़ना एवं इस योजना का लाभ दिलाना। अबतक 20 करोड़ से अधिक रूपया, बढ़ई मजदूर के खाता में जा चुकी है। यह योजना चालू है।
14. सरकारी योजनाओं की जानकारी हेतु अपने लोगों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना|
15. सदस्यों को केन्द्र सरकार की खर्चा पर मुम्बई एवं दिल्ली में ए.सी. सुविधा युक्‍त प्रशिक्षण दिलवाना। अभी तक 1997 सदस्य प्रशिक्षित हो राजनीतिक पार्टियों में काम कर रहे हैं। अपनी महत्वाकांक्षा एवं निज स्वार्थ में अलग संगठन बना समाज का नेतृत्व कर रहे हैं।
16. राजसत्ता में भागीदार हेतु लोगों को राजनीति के प्रति जागरूक करना|
17. श्रम विभाग कल्याण बोर्ड की योजनाओं के अनुश्रवण हेतु जिला समन्वय समिति का गठन करवाना। श्रम विभाग से निबंधित इस संगठन के जिला सचिव, जिला समन्वय समिति के सदस्य होते हैं।