जानकारी के साथ मूल अतिपिछड़ा से एक अनुरोध :

जानकारी के साथ मूल अतिपिछड़ा से एक अनुरोध :

जानकारी के साथ मूल अतिपिछड़ा से एक अनुरोध :* (१) ✍️ नीतीश और राजद की सरकार के द्वारा EBC आरक्षण वर्ग में 2015 में तेली, तमोली, दांगी को शामिल कर देने के बाद से मूल अतिपिछड़ा (१११ जाति) को एक कल्पना से कहीं अधिक क्षति/ हकों की हकमारी हो रही है। (२) ✍️ ली गई आंकड़ों और 56 वीं से 65 वीं BPSC के रिजल्ट के अनुसार SDC/Dy Coll. और DSP में क्रमशः 22+18 सीट तेली लिया है जो EBC के कुल सीट का 42% है। यही स्थिति BPS/ BSSC की बहालियों में हो रही है। तकनीकी और गैरतकनीकी (इंजिनिय, डॉक्टर इत्यादि) संस्थानों के नामांकन में भी कमोबेश यही स्थिति है। (३)✍️त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थानों के जिला परिषद अध्यक्ष के ebc सुरक्षित 9 सीट में 7 और नगर निकाय (नगर निगम, नगर परिषद्, नगर पंचायत) में सभापति के अध्यक्ष/सभापति के EBC सुरक्षित 23 के विरुद्ध 16 सीट पर केवल तेली काबिज हुआ है। इसी तरह मुखिया, सरपंच, पंच, प स सदस्य, वार्ड सदस्य और प्रमुख सीट पर अकेले तेली जाति 70-75% सीट छीन रहा है। बाकी के 30% में मूल अतिपिछड़ा १११ जाति सिमट जा रहें हैं। जबकि, EBC की कुल आबादी 38% में तेली की आबादी मात्र 2.81% (जो आर्थिक रूप से भी काफी सम्पन्न जाति) है। इसी सम्पन्नता के कारण अकेले तेली 70 से 75% सीट ले रहा है। (४)✍️ यदि १११ EBC समाज अपने इस हकमारी को रोकने के लिए श्री रामबलि सिंह चंद्रवंशी जी, प्रो. किशोरी बाबू और श्री महेंद्र भारती जी वगैरह के “अतिपिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा” टीम में जान नहीं फूंकती है तो ebc का आरक्षण अस्तित्वहीन अर्थात समाप्त हो जाएगा। (५)✍️ सनद रहे कि तत्कालीन समाजवादी नेताओं के मना करने के बावजूद भी भारतरत्न जननायक कर्पूरी जी ने 1978 में BC के 137 जाति से कमजोर 93 जाति को अलग कर EBC ग्रुप बना कर इन कमजोर का हक सुरक्षित कर दिया था। यद्यपि, इसके लिए EBC के भगवान कर्पूरी ठाकुर जी को अपनी मुख्यमंत्री का पद गवाना पड़ा था क्योंकि एक खड़यंत्र के तहत कर्पूरी सरकार को गिरा दिया गया था। सरकार गिराने के खड़यंत्रकारी कोई अगरी जाति नहीं, बल्कि पिछड़ा सामंती लोग हीं थे। (६)✍️EBC को इस खड़यंत्र को भी समझना/जानना/ पहचानना होगा। (७)✍️EBC के इसी हकमारी को रोकने और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए RJD नेता और तत्कालीन MLC श्री रामबली सिंह चंद्रवंशी जी ने 2015 से हीं सड़क से सदन और न्यायालय तक आवाज बुलन्द किया था/कर रहें हैं। (८)✍️लालू, नीतीश फिर तेजस्वी के मना करने तथा MLC से हटा देने की लिखित चेतावनी के बाद भी श्री चंद्रवंशी बाबू EBC के भविष्य हित में तत्कालीन मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी की तरह अपना पद गवां दिए मगर आन्दोलन को वापस नहीं लिए। जबकि, MLC का इनका 3 साल+ कार्यकाल बाकी था जो वेतन और योजना की राशि जोड़िए तो लगभग 10-12 करोड़ की उनकी व्यक्तिगत क्षति हुई है। फिर अबतक के रथ यात्रा से लेकर विधान सभा घेराव/ धरणा प्रदर्शन में भी श्री रामबली बाबू खुद खर्च कर रहें हैं। (९)✍️ इनके आन्दोलन की जानकारी मुझे २७ सितम्बर २०२३ को समस्तीपुर सर्किट हाउस में हो रही एक बैठक में मिली। बैठक में जननायक कर्पूरी के कुटिया से २ अक्टूबर से पटना तक पद यात्रा करने का फैसला लिया गया। पार्टी से निकालदेने की परवाह किए बगैर पदयात्रा की हरी झंडी जेडीयू नेता व जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र माननीय केंद्रीय मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर जी दिखाए थे। पदयात्रा की सफलता के लिए २७ सितंबर की बैठक में एक संयोजक मंडल बनाया गया था। जिसके संयोजक RJD नेता और पूर्व मंत्री श्री रामाश्रय साहनी को तथा सह संयोजक श्री शिव पूजन ठाकुर और JDU नेता श्री बनारसी ठाकुर जी को बनाया गया था। २ अक्टूबर के सभा का धन्यवाद ज्ञापन श्री शिव पूजन ठाकुर जी किए थे। समस्तीपुर जिला में रथ को घुमाने में डॉ जगन्नाथ ठाकुर जी साथ दिए थे। (१०)✍️ श्री शिव पूजन बाबू तब नौकरी में थे, जिनकी सेवा अप्रैल 2025 में पूरी होती। DM ने इनसे स्पष्टीकरण किया। सूत्रों के अनुसार श्री शिव पूजन बाबू उक्त आंदोलन के खातिर स्पष्टीकरण जबाव नहीं देकर Apl 2024 में अपनी सेवा का त्याग कर दिया। एक संयोग कहिए कि श्री रामनाथ बाबू और ebc के लड़ाई के प्रभाव के कारण शिव पूजन बाबू को पूरा पेंशन इत्यादि मिल गया। (११)✍️ बढ़ई समाज के नेता श्री वकील शर्मा जी के अनुसार श्री शिव पूजन ठाकुर जी प्रशासनिक विभाग में नौकरी में रहते हुए भी एक संगठन बना कर और श्री राम भरोस शर्मा जी वगैरह का साथ लेकर कर बढ़ई समाज को गोलबंद करने का काम किया है। बढ़ई को साथ लेकर अब ये EBC गोलबंदी पर काम कर रहे हैं। इसके लिए श्री रामबलि सिंह चंद्रवंशी जी का साथ दे रहे हैं। (१२)✍️ अब समझना यह भी है कि प्रलोभन में आकर EBC के कुछ नेता (स्वार्थी लोग) मूल अतिपिछड़ा एकीकरण के नाम पर अगस्त 2024 से अलग गुट बना अपना अलग राग अलाप कर रहें हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों/ तथाकथित पद लोलुपता वाले नेताओं से हम मूल EBC भाइयों को दूरी बना कर रहना होगा ताकि खड़यंत्रकरियों के गलत मंसूबा पूरा नहीं हो सके। (१३)🙏 *तो आइए, अपने भविष्य की रक्षा वास्ते हमसब मूल अतिपिछड़ा (१११ ebc समाज) मिलकर “अतिपिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा” के आन्दोलन को जन आन्दोलन में बदले। इसके प्रत्येक कार्यक्रम और बैठकों में बिना बुलाए भाग लें। इसके प्रत्येक मैसेज को अपने प्रत्येक लोगों (१११ ebc) तक पहुंचाएं। वर्तमान के साथ साथ भविष्य हित में अपने दायित्वों का निर्वहन करें।* आपका हीं एक छोटा कार्यकर्ता : सरोज सहनी 🙏🙏🙏